9 मई 1540 वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जन्मजयंती पर आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं🙏।
कल से सोच रहा था कि उनके विषय में क्या लिखूं जिनके बारे में लिखने के लिए इतिहासकारों के पास भी शब्द कम पड़ गए।
जिस मुगल आक्रांता अकबर से लोग डरते थे उसके चेहरे का रंग महाराणा का नाम लेने मात्र से ही उड़ जाता था। उसने कभी भी महाराणा के सामने आने का साहस तक नही किया एवं कुछ पुस्तकों में वर्णन है अकबर सोते समय भी महाराणा प्रताप से भयभीत रहता था।
जिनके घोड़े ने पूरी अश्व जाति को चेतक नाम से अलंकृत किया उस महायोद्धा के लिए अलंकारों की कमी हो सकती है किंतु उसकी महानता इतनी व्यापक है कि शब्दों में उसका वर्णन सम्भव नही।
मुग़लो के मन का भय इन पंक्तियों से व्यक्त होता है कि युद्धभूमि में राणा अपनी तलवार के एक ही वार से घोड़े समेत आदमी (बहलोल खां) को चीर देते हैं। ऐसे भुजबलधारी महायोद्धा को नमन🙏।
शेन वार्न ने एक साक्षात्कार में कहा था कि "मुझे सचिन तेंदुलकर के सपने आते हैं, जो अपने बल्ले से मेरी गेंदों की धुनाई करते हैं" हम सबको इस साक्षात्कार पर बहुत गर्व हुआ था किंतु इससे भी अधिक गर्व हमें अपने महापुरुषों पर करना चाहिए।
भारत रो वो पूत कठे, एकलिंग रो दीवान कठे,
हल्दीघाटी रो समर लड्यो, हल्दीघाटी रो समर लड्यो,
वो मेवाड़ी शान कठे, वो एकलिंग रो दीवान कठे........
वीरशिरोमणि महाराणा प्रताप की जय.....
आइये संकल्प लें कि अपने परिवार में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप को पुनः जीवंत करें।

आपका अपना
दीपक
कल से सोच रहा था कि उनके विषय में क्या लिखूं जिनके बारे में लिखने के लिए इतिहासकारों के पास भी शब्द कम पड़ गए।
जिस मुगल आक्रांता अकबर से लोग डरते थे उसके चेहरे का रंग महाराणा का नाम लेने मात्र से ही उड़ जाता था। उसने कभी भी महाराणा के सामने आने का साहस तक नही किया एवं कुछ पुस्तकों में वर्णन है अकबर सोते समय भी महाराणा प्रताप से भयभीत रहता था।
जिनके घोड़े ने पूरी अश्व जाति को चेतक नाम से अलंकृत किया उस महायोद्धा के लिए अलंकारों की कमी हो सकती है किंतु उसकी महानता इतनी व्यापक है कि शब्दों में उसका वर्णन सम्भव नही।
मुग़लो के मन का भय इन पंक्तियों से व्यक्त होता है कि युद्धभूमि में राणा अपनी तलवार के एक ही वार से घोड़े समेत आदमी (बहलोल खां) को चीर देते हैं। ऐसे भुजबलधारी महायोद्धा को नमन🙏।
शेन वार्न ने एक साक्षात्कार में कहा था कि "मुझे सचिन तेंदुलकर के सपने आते हैं, जो अपने बल्ले से मेरी गेंदों की धुनाई करते हैं" हम सबको इस साक्षात्कार पर बहुत गर्व हुआ था किंतु इससे भी अधिक गर्व हमें अपने महापुरुषों पर करना चाहिए।
भारत रो वो पूत कठे, एकलिंग रो दीवान कठे,
हल्दीघाटी रो समर लड्यो, हल्दीघाटी रो समर लड्यो,
वो मेवाड़ी शान कठे, वो एकलिंग रो दीवान कठे........
वीरशिरोमणि महाराणा प्रताप की जय.....
आइये संकल्प लें कि अपने परिवार में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप को पुनः जीवंत करें।

आपका अपना
दीपक
वाह जी प्रेरणादायक। धन्यवाद
ReplyDeleteधन्यवाद जी
Deleteबहुत सुंदर जी।
ReplyDeleteहम सभी को अपने महापुरुषों पर गर्व करना चाहिए और उनके जीवन को पढ़ना चाहिए।
जी, निःसंदेह
DeleteBahut sunder Deepak Ji
ReplyDeleteधन्यवाद वैभव जी
Deleteअति उत्तम
ReplyDeleteधन्यवाद सौरभ जी
DeleteAwesome...Motivational and Inspirational...
ReplyDeleteThanks ji
DeleteNice and great use of words.
ReplyDeleteHope to see such lovely work from you in future about other Patriots as well.
Thanks Ji
DeleteBhut sundar hame mharana pratap ki gatha btaane k lye jo aaj k samay o chuoaayi jaati h aur sirf mughlo k baare m btaaya jaata tha
ReplyDeleteJi
Deleteदीपक जी आपके द्वारा महाराणा प्रताप के लिए प्रेरणादायक शब्द अतुलनीय है हम सभी को आगे आकर अपने पूर्वजों किए के किए कर्मों को आगे ले जाकर अखंड भारत का संकल्प लेना चाहिए जाति से विवादों से ऊपर उठकर हमें इस नवनिर्मित भारत का निर्माण करना चाहिए
ReplyDeleteअमित कुमार
Gaur City Greater Noida
जी, कुछ मित्रों के साथ मिलकर यह प्रयास शुरू किया है, निश्चित ही भारत अखंड होगा. जय हिंद जय भारत
Deleteअच्छी जानकारी दी है आपने.......
ReplyDeleteधन्यवाद जी
Deleteअद्भुद।
ReplyDeleteधन्यवाद जी
Deleteबहुत ही सुन्दर लेख और सत्य पर आपने जो प्रकाश डाला है उसके लिए वर्मा जी आपको धन्यवाद्।
ReplyDelete🙏 धन्यवाद मनोज जी🙏
DeleteJankari k liy.. dhanyewad ji
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